पिछले कुछ महीनों से स्टॉक मार्केट में एक कंपनी ऐसी है, जिसने निवेशकों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी है। जी हां, हम बात कर रहे हैं गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) की, जिसके शेयरों ने रॉकेट की तरह उड़ान भरी है। सिर्फ एक महीने में इसके शेयर 77% चढ़ गए, और अगर आपने तीन महीने पहले इसमें पैसा लगाया होता, तो आपका निवेश डबल हो चुका होता! अब ये तो वाकई कमाल की बात है, है ना? लेकिन रुकिए, कहानी यहीं खत्म नहीं होती। GRSE ने हाल ही में कुछ ऐसे करार किए हैं, जिन्होंने मार्केट में इसकी चमक को और बढ़ा दिया है। चलिए, इस धमाकेदार कहानी को थोड़ा और करीब से देखते हैं।

नए करार, नई ऊंचाइयां
GRSE ने हाल ही में जर्मनी की कंपनी Carsten Rehder Schiffsmakler und Reederei GmbH & Co. KG के साथ एक मेमोरेंडम ऑफ इंटेंट (MoI) साइन किया है। इस करार के तहत कंपनी 7,500 DWT (डेडवेट टन) मल्टीपर्पज वेसल्स बनाएगी। ये वो जहाज हैं, जो अलग-अलग तरह के कार्गो को ढो सकते हैं, और इनका डिजाइन इतना खास है कि ये हाइब्रिड प्रोपल्शन सिस्टम और लेटेस्ट साइबर सिक्योरिटी स्टैंडर्ड्स के साथ आएंगे। खास बात ये है कि GRSE पहले से ही इस कंपनी के लिए 8 ऐसे जहाज बना रही है, और अब 4 और जहाजों का ऑर्डर मिलने से कंपनी का ऑर्डर बुक और मजबूत हो गया है।
इतना ही नहीं, GRSE ने दुबई की Aries Marine LLC के साथ भी एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) साइन किया है। इस करार का मकसद है ऑफशोर प्लेटफॉर्म्स और वेसल्स के डिजाइन और निर्माण में सहयोग करना। यानी GRSE अब सिर्फ डिफेंस शिपबिल्डिंग तक सीमित नहीं रहने वाली, बल्कि ग्लोबल ऑफशोर मार्केट में भी अपनी धाक जमाएगी। और तो और, कंपनी ने एक ग्लोबल इंजन मैन्युफैक्चरर के साथ भी MoU किया है, जिससे इसके जहाजों की इंजन टेक्नोलॉजी और मजबूत होगी।
मार्केट में धूम, निवेशकों में उत्साह
इन करारों की खबर ने स्टॉक मार्केट में तहलका मचा दिया। GRSE के शेयर 4 जून को 10% तक उछले और 5 जून को फिर 5% की तेजी के साथ ₹3,520 के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए। यही नहीं, साल 2025 में अब तक ये स्टॉक 107% रिटर्न दे चुका है, जो इसे डिफेंस सेक्टर का सुपरस्टार बनाता है। कंपनी का ऑर्डर बुक भी ₹22,652 करोड़ का है, जो इसके मजबूत भविष्य की गारंटी देता है।
आनंद राठी के सीनियर मैनेजर जिगर एस. पटेल ने इस स्टॉक पर अपनी राय देते हुए कहा, “GRSE का शेयर अभी ₹3,200 के लेवल पर सपोर्ट ले रहा है, लेकिन ₹3,500 पर इसे रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ रहा है। अगर ये ₹3,500 के लेवल को पार कर जाता है, तो अगला टारगेट ₹3,600 हो सकता है।” अब ये तो निवेशकों के लिए एक शानदारヒント है, खासकर उनके लिए जो इस रैली का फायदा उठाना चाहते हैं।
क्या है GRSE की ताकत?
GRSE सिर्फ एक शिपबिल्डिंग कंपनी नहीं है, ये भारत के डिफेंस और मैरीटाइम सेक्टर का एक चमकता सितारा है। कंपनी ने हाल ही में नॉर्वे की Kongsberg Maritime के साथ भारत के पहले पोलर रिसर्च वेसल (PRV) के लिए MoU साइन किया था, जो नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (NCPOR) के लिए बनाया जाएगा। ये जहाज पोलर और साउदर्न ओशन में रिसर्च के लिए इस्तेमाल होगा, और इसे भारत में ही बनाया जाएगा। ये “मेक इन इंडिया” का एक शानदार उदाहरण है।
कंपनी का फाइनेंशियल परफॉर्मेंस भी कमाल का है। Q4 FY25 में GRSE का नेट प्रॉफिट ₹244 करोड़ रहा, जो पिछले साल के ₹112 करोड़ से दोगुना है। रेवेन्यू भी ₹1,642 करोड़ तक पहुंच गया, जो साल-दर-साल 61% की ग्रोथ दिखाता है। ऐसे में कंपनी का भविष्य और भी चमकदार दिख रहा है।
निवेशकों के लिए क्या है मौका?
अब सवाल ये है कि क्या GRSE में अब भी निवेश का मौका है? जिगर पटेल की सलाह के मुताबिक, अगर आप नए निवेशक हैं, तो थोड़ा इंतजार करें। स्टॉक अभी अपने 10-20 दिन के मूविंग एवरेज से काफी ऊपर ट्रेड कर रहा है। ऐसे में 5-7% की करेक्शन का इंतजार करना समझदारी हो सकती है। लेकिन अगर आप पहले से ही GRSE के शेयर होल्ड कर रहे हैं, तो बस मजे लीजिए, क्योंकि कंपनी का ऑर्डर बुक और ग्लोबल पार्टनरशिप्स इसे और ऊंचाइयों तक ले जा सकती हैं।
आखिरी बात
GRSE की कहानी किसी बॉलीवुड मूवी से कम नहीं है। नए करार, रिकॉर्ड तोड़ शेयर प्राइस, और भारत के डिफेंस सेक्टर में बढ़ता दबदबा – ये सब मिलकर GRSE को एक ऐसा स्टॉक बनाते हैं, जिस पर हर निवेशक की नजर है। तो अगर आप स्टॉक मार्केट में कुछ धमाल ढूंढ रहे हैं, तो GRSE की इस रैली पर नजर रखें। लेकिन हां, निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें, क्योंकि मार्केट में रिस्क तो बनता है!
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